महबूबा मुफ्ती ने स्पष्ट रूप से कहा है कि युद्ध विकल्प नहीं है, और दोनों देशों—भारत और पाकिस्तान—को शांति और कूटनीति की राह अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि “युद्ध अंतिम विकल्प नहीं हो सकता”, और यह “नागरिकों का युद्ध” नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक एवं सैन्य तनाव का परिणाम है—इसलिए इसे संवाद और राजनीतिक हस्तक्षेप के जरिए ही सुलझाया जाना चाहिए, न कि सैन्य कार्रवाई से।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के नेतृत्व को अपील करते हुए कहा कि अगर दोनों सिर्फ फोन पर बातचीत करें, तो यह संघर्ष रुका सकता है—युद्ध की बजाय संवाद पर ध्यान देना चाहिए।
हाल ही में बढ़े तनाव के बीच, मुफ़्ती ने कहा कि “युद्ध अंतिम विकल्प नहीं है”, साथ ही सीमा पार हमलों से हुई नागरिक हताहतों का हवाला देकर दोनों देशों को तत्काल संवाद और संयम बरतने की अपील की।
Modi hai to mumkun hai...